1- पौराणिक मान्यता है कि इसी गुफा के भीतर शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था.
मां पार्वती के साथ ही इस रहस्य को शुक यानी तोते और दो कबूतरों ने भी सुन लिया था.
ऐसा कहा जाता है कि गुफा में आज भी श्रद्धालुओं को कबूतरों का वो जोड़ा दिखाई देता है.
2- अमरनाथ गुफा में बर्फ की एक छोटी शिवलिंग सी आकृति प्रकट होती है, जो लगातार 15 दिन तक रोजाना थोड़ी-थोड़ी बढ़ती है। जो रहस्य आज तक बरकरार है।
3- चंद्रमा के घटने के साथ ही शिवलिंग का आकार भी घटने लगता है और चांद के लुप्त होते ही शिवलिंग भी अंतर्ध्यान हो जाता है. इसलिए इसे साक्षात शिव का अवतार माना जाता है.
4- अमरनाथ गुफा की खोज की बात करें तो मान्यताएं हैं कि 15वीं शताब्दी में एक मुसलमान गड़रिये ने इस गुफा की खोज की थी. उस गड़रिए का नाम बूटा मलिक था.
5- पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव जब माता पार्वती को अमरकथा सुना रहे थे
तो उन्होंने छोटे-छोटे अनंत नागों को अनंतनाग में छोड़ा. भगवान शिव ने माथे के चंदन को चंदनवाड़ी में उतारा और अपने गले के शेषनाग को शेषनाग नामक स्थल पर छोड़ा.
ये सभी स्थान अभी भी अमरनाथ यात्रा के दौरान रास्ते में दिखाई देते हैं.