Amarnath Yatra 2024 Date: जम्मू कश्मीर में स्थित बाबा अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है इसके लिए तत्काल पंजीकरण की सुविधा भी शुरू कर दी गई है यानी की 26 जून से आप अमरनाथ यात्रा के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। मालूम हो कि आषाढ़ पूर्णिमा से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है और श्रावण पूर्णिमा तक चलती है इस दौरान लाखों बाबा बर्फानी के भक्ति बाबा के दरबार में पहुंचते हैं और बाबा के चमत्कार के साक्षी बनते हैं।
बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए 26 जून से रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिसके लिए आपको आधार कार्ड/वोटर आईडी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस के अलावा पासपोर्ट साइज की फोटो की आवश्यकता पड़ सकती है।
जानिए क्यों है अमरनाथ धाम इतना खास
मालूम हो कि अमरनाथ धाम महादेव के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है अमरनाथ धाम में भोले बाबा के दुर्लभ और प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन होता है अमरनाथ की पवित्र गुफा में भोले भंडारी बर्फ के शिवलिंग के रूप में विराजमान होते हैं और भक्त अपने बाबा से मिलने वहां तक पहुंचाते हैं। हालांकि इस बात की कोई लिखित साक्ष्य नहीं है लेकिन ऐसा कहा जाता है कि किसी कारणवश या गुफा स्मृतियों से लुप्त हो गई थी और करीब डेढ़ सौ साल पहले इस गुफा को दोबारा खोजा गया है।
किस रूप में प्रकट होते हैं बाबा बर्फानी
लाखों शिव भक्त बाबा बर्फानी से मिलने अमरनाथ यात्रा करते हैं अमरनाथ गुफा में बर्फ की एक छोटी शिवलिंग जैसी आकृति प्रकट होती है जो लगातार 15 दिन तक अपनी साइज में वृद्धि करती है मानो तो 15 दिन में इस शिवलिंग की ऊंचाई 2 गज से अधिक हो जाती है और चंद्रमा के घटना के साथ-साथ शिवलिंग का आकार भी घटने लगता है और चांद के लुप्त होने के साथ शिवलिंग भी अंतर ध्यान हो जाता है।
कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में एक मुसलमान जिसका नाम बूटा मलिक था के द्वारा इस गुफा की खोज की गई थी, बाबा बर्फानी की गुफा तक पहुंचाने के दो रास्ते उपलब्ध हैं एक रास्ता पहलगाम की तरफ से होकर गुजरती है तो वहीं दूसरी रास्ता सोनमर्ग से होकर पहुंचती है।